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How to Improve Brain Health: A Comprehensive Guide

Boost Your Brain: Simple Strategies for a Sharper Mind . Maintaining a healthy brain is crucial for overall well-being and cognitive function. As we age, it becomes increasingly important to adopt habits that support brain health and reduce the risk of cognitive decline. Here are several evidence-based strategies to improve and sustain brain health.   1. Adopt a Brain-Healthy Diet A nutritious diet plays a significant role in brain health. Include the following foods in your daily routine: Fruits and Vegetables:  Rich in antioxidants, vitamins, and minerals. Berries, spinach, and broccoli are particularly beneficial. Omega-3 Fatty Acids:  Found in fatty fish like salmon, walnuts, and flaxseeds, omega-3s are known to support cognitive function. Whole Grains:  Brown rice, oatmeal, and quinoa help maintain steady blood sugar levels, which is essential for brain energy. Turmeric :  This spice contains curcumin, which has anti-inflammatory and antioxidant prope...

हड्डियों का कैंसर (Bone cancer),health blogs,,how to solve problems

 हड्डियों का कैंसर (Bone cancer)

बोन कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से हिस्से में मौजूद हड्डियों में विकसित हो सकता है, लेकिन यह बांह व टांगों की लंबी हड्डियों में पाया जाता है। यह किसी भी व्यक्ति को उसके शुरुआती 20 वर्षों में होता है, क्योंकि उस दौरान हड्डियां विकसित हो रही होती है। बोन कैंसर के आम प्रकारों में ओस्टियोसार्कोमा, कोंड्रोसारकोमा और इविंग सारकोमा आदि शामिल हैं। इसके अलावा बोन कैंसर के कुछ दुर्लभ प्रकार भी हैं, जैसे फाइब्रोसार्कोमा, लिमेयोसार्कोमा, मालिग्नेंट फाइब्रस हिस्टियोसाइटोमा, एंजियोसार्कोमा और कोरडोमा आदि शामिल हैं। यदि कैंसर शरीर के किसी अन्य हिस्से से फैलकर हड्डियों तक पहुंचा है तो उसे सेकेंडरी बोन कैंसर कहा जाता है। बोन कैंसर एक अनुवांशिक रोग के रूप में विकसित हो सकता है और कई अन्य वातावरणीय कारक भी हैं, जो इस रोग का कारण बन सकते हैं जैसे रेडियोथेरेपी के संपर्क में आना आदि। प्रभावित हड्डी वाले हिस्से में सूजन व गंभीर दर्द होना आदि इसके प्रमुख लक्षणों में से एक हैं। बोन कैंसर का इलाज रोग के कारण, लक्षणों की गंभीरता और व्यक्ति की शारीरिक स्थिति के आधार पर किया जाता है।


हड्डियों के कैंसर के प्रकार

कई प्रकार के होते हैं 

1.प्राइमरी बोन कैंसर -

 यह बोन कैंसर का वह प्रकार है, जो हड्डियों के ऊतकों से ही शुरू होता है। हालांकि, प्राइमरी कैंसर हड्डियों से शुरू होकर किसी अन्य हिस्से में भी फैल सकता है। प्राइमरी बोन कैंसर के प्रमुख प्रकारों में प्रमुख रूप से ओस्टियोसार्कोमा, कोंड्रोसारकोमा और इविंग सारकोमा आदि शामिल हैं।

2.सेकेंडरी बोन -

 जब कैंसर शरीर के किसी अन्य हिस्से में विकसित होकर हड्डियों तक फैल जाए तो उसे सेकेंडरी बोन कैंसर कहा जाता है। लगभग हर प्रकार के कैंसर हड्डियों तक फैल सकते हैं, जिनमें अधिकतर निम्न हिस्सों में विकसित होने वाले कैंसर हड्डियों तक फैलने का खतरा अधिक होता है -

. स्तन

. पौरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट)

.थायराइड

.गुर्दे

हड्डियों के कैंसर के लक्षण

हड्डियों के कैंसर के दौरान विकसित होने वाले सभी लक्षण अन्य प्रकार के कैंसरों के समान नहीं होते हैं। हड्डियों या जोड़ों में दर्द व सूजन होना अक्सर हड्डियों के कैंसर का शुरुआती लक्षण होता है। बच्चों के मामलों में इसे सामान्य चोट का दर्द या हड्डियां विकसित होने के लक्षण मान लिया जाता है। इस कारण से कई बार बच्चों में लंबे समय तक हड्डियों के कैंसर का निदान नहीं हो पाता है और बाद में यह स्थिति गंभीर हो जाती है। बच्चों में बोन कैंसर से निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -

1.किसी हड्डी में बार-बार दर्द व सूजन होना (दर्द कई बार गंभीर हो जाना जिसे पेन किलर से भी नियंत्रित न किया जा सके)

2.हड्डी में कोई गांठ या बढ़ी हुई चर्बी दिखाई देना

3.प्रभावित हड्डी वाला हिस्से ठीक से हिल-डुल न पाना (जोड़ में कैंसर का ट्यूमर विकसित होने के कारण)

4.हड्डी में विकसित हुए ट्यूमर के आसपास तंत्रिका होने के कारण शरीर का कोई हिस्सा सुन्न होना और दर्द रहना

5.चक्कर आना और थकावट महसूस होना

6.शरीर का तापमान अधिक रहना और ठंड लगना

7.हल्की चोट के कारण ही हड्डियां टूट जाना (हड्डियां कमजोर पड़ने के कारण)

8.शरीर का वजन घटना ,एनीमिया

हालांकि, यह भी संभव हैं कि हड्डियों के कैंसर के दौरान मरीज को उपरोक्त के अलावा कुछ अन्य लक्षण भी महसूस हों। लेकिन फिर भी कोई भी लक्षण महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

हड्डियों के कैंसर का कारण

हड्डियों के कैंसर के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह आमतौर पर हड्डियों के बढ़ने के दौरान किसी असाधारण बदलाव के कारण कैंसर विकसित हो जाता है। कैंसर आमतौर पर कोशिका में किसी प्रकार की असामान्यता के कारण विकसित होता है। कोशिका की यह असामान्यता अनुवांशिक या बाहरी कारकों के कारण हो सकती है। इन स्थितियों में प्रभावित कोशिका विभाजन अनियंत्रित रूप से होता रहता है, जिससे ट्यूमर बन जाता है या फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। निम्न कुछ कारक दिए गए हैं, जो हड्डियों में कैंसर का कारण बन सकते हैं -

रेडिएशन के संपर्क में आना -

 रेडिएशन जैसे कई बाहरी कारक हैं, जो बोन कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों को किसी इलाज के रूप में रेडिएशन थेरेपी करानी पड़ती है, उन्हें बोन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

बीमारियां

ओस्टियोकांड्रोमा जैसे कुछ ट्यूमर भी हैं, जो कोंड्रोसारकोमा जैसे कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

पैजेटस रोग -

 जो वयस्क पैजेटस डिजीज नामक बीमारी से ग्रसित हैं, उनमें बोन कैंसर होने का खतरा रहता है।

हड्डियों के कैंसर का निदान

डॉक्टर सबसे पहले प्रभावित हिस्से के करीब से जांच करते हैं और मरीज को महसूस हो रहे लक्षणों के बारे में पूछते हैं। इसके बाद कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है, जिसके आधार पर डॉक्टर स्थिति की पुष्टि करते हैं। हड्डियों के कैंसर का निदान करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं -

अल्कलाइन फास्फेटेज टेस्ट - 

हालांकि, शुरुआत में डॉक्टर कुछ अन्य ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। भारत में बोन कैंसर का पता लगाने के लिए प्रमुख रूप से अल्कलाइन फास्फेटेज टेस्ट का इस्तेमाल ही किया जाता है।

इमेजिंग टेस्ट -

 हड्डियों के अंदरूनी संरचना की जांच करके भी कैंसर या ट्यूमर का पता लगाने में मदद मिल सकती है। बोन कैंसर का डायग्नोस करने के लिए आमतौर पर एक्स रे, सीटी स्कैन और एमआरआई आदि स्कैन किए जाते हैं।

बायोप्सी

बोन कैंसर की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर बायोप्सी भी कर सकते हैं। इस टेस्ट के दौरान विशेष उपकरणों की मदद से हड्डी के प्रभावित हिस्से से ऊतक का छोटा सा टुकड़ा सैंपल के रूप में लिया जाता है, जिसकी जांच की जाती है।


हड्डियों के कैंसर का इलाज

पहले हड्डियों के कैंसर के लिए उपलब्ध इलाज सिर्फ सर्जरी प्रोसीजर ही थी, जिसकी मदद से कैंसर से प्रभावित अंग को निकाल दिया जाता था। लेकिन मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है और अब बोन कैंसर के लगभग 90 प्रतिशत मामलों में व्यक्ति को पूरा अंग निकलवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। आजकल बोन कैंसर का इलाज उसके प्रकार, लोकेशन, कैंसर की स्टेज और व्यक्ति के अनुसार किया जाता है। हड्डियों के कैंसर के इलाज में निम्न को शामिल किया जा सकता है -

रेडियोथेरेपी -

 इसमें मशीनों की मदद से उच्च ऊर्जा वाली विकिरणों की मदद से कैंसरग्रस्त ऊतकों को नष्ट किया जाता है। हालांकि, रेडिएशन थेरेपी के दौरान आसपास की स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

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कीमोथेरेपी -

 इसे कीमो भी कहा जाता है, जिसमें मरीज को विशेष प्रकार की दवाएं दी जाती हैं जो तेजी से बढ़ रही कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करती हैं। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कई बार अन्य कैंसर ट्रीटमेंट्स के साथ भी किया जा सकता है।

सर्जरी -

अगर कीमो या रेडिएशन थेरेपी की मदद से बोन कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता है, तो सर्जिकल प्रोसीजर करने पर विचार किया जा सकता है। इसमें सर्जरी की मदद से हड्डी के कैंसरग्रस्त ऊतकों को निकाल दिया जाता है।

Disclaimer 

उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें

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